पहाड़ों पर भरपूर बारिश के बावजूद एक-एक बूंद को क्यों तरसा उत्तराखंड का मसूरी? समझ लीजिए ये छिपी कहानी

पहाड़ों पर भरपूर बारिश के बावजूद एक-एक बूंद को क्यों तरसा उत्तराखंड का मसूरी? समझ लीजिए ये छिपी कहानी

Mussoorie Drinking Water Scheme

Mussoorie Drinking Water Scheme

मसूरी: Mussoorie Drinking Water Scheme: पहाडों की रानी मसूरी इन दिनों पेयजल संकट की मार झेल रहा है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने मसूरी की पेयजल व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. हालात ऐसे हैं कि कई इलाकों में दो दिनों से एक बूंद पानी नहीं आया है और लोग पीने के पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं.

मसूरी में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 144 करोड़ रुपये की लागत से ‘मसूरी-यमुना पेयजल पंपिंग योजना’ बनाई गई है. योजना के तहत यमुना नदी से पानी लिफ्ट कर मसूरी शहर तक पहुंचाया जा रहा था. इससे रोजाना 7 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) पानी की आपूर्ति होती थी. लेकिन बीते दिनों हुई भारी बारिश के कारण केम्प्टी के पास स्थित बोल्डर फील्ड गैलरी (बीएफजी) पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है.

जिससे इस योजना के तहत पानी की सप्लाई बंद है. मसूरी में प्रतिदिन लगभग 14 एमएलडी पानी की जरूरत होती है. इसमें से 7 एमएलडी पानी स्थानीय स्रोतों से गढ़वाल जल संस्थान के पास उपलब्ध है, लेकिन बाकी 7 एमएलडी पानी मसूरी यमुना पेयजल पंपिंग योजना से आता था जो अब ठप हो गया है. इससे मसूरी के कई मोहल्लों में जल संकट गहरा गया है.

जल निगम के अधिशासी अभियंता संजीव वर्मा ने बताया कि बारिश से बोल्डर फील्ड गैलरी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है. आसपास की जमीन भी दरक रही है, जिससे मरम्मत कार्य में भारी दिक्कतें आ रही हैं. वहीं पंपिंग स्टेशन के आसपास बारिश के बाद भारी गाद एकत्रित हो गया है. कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए काम धीमा चल रहा है, लेकिन विभाग की पूरी कोशिश है कि अगले एक-दो दिन में आपूर्ति बहाल कर दी जाए. गढ़वाल जल संस्थान के अधिशासी अभियंता अमित कुमार ने भी माना कि स्थिति गंभीर है.

उन्होंने बताया कि स्थानीय जल स्रोतों में भी गाद जमा होने से पानी की लिफ्टिंग नहीं हो पा रही है. विभाग की टीमें फील्ड में डटी हैं और समस्या को जल्द सुलझाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि मसूरी यमुना पेयजल पंपिंग योजना से उपलब्ध होने वाला पेयजल पूर्ण रूप से बंद हो गया है, जिससे समस्या गंभीर हो गई है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि मसूरी में हर साल पेयजल की समस्या सामने आती है, लेकिन प्रशासन के पास हर बार कोई न कोई बहाना तैयार रहता है.

लोगों ने आरोप लगाया कि बड़े-बड़े होटलों को तो भरपूर पानी मिल रहा है, लेकिन आम जनता को लाइन लगाकर भी पानी नहीं मिल रहा. स्थानीय लोगों ने मसूरी के विधायक और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से अपील की है कि मसूरी में पेयजल वितरण के लिए एक स्पष्ट और पारदर्शी नीति बनाई जाए, ताकि हर नागरिक को बराबर पानी मिल सके.